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सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरती के लिए जाना जाता हैं मैसूर शहर, जानें यहां के मशहूर पर्यटन स्थल

By: Ankur Fri, 08 Apr 2022 3:53:43

सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरती के लिए जाना जाता हैं मैसूर शहर, जानें यहां के मशहूर पर्यटन स्थल

इस विशाल भारत देश के हर कोने में एक विभिन्न संस्कृति देखने को मिलती हैं जिसके चलते देश में पर्यटन के लिए कई जगहें हैं। बात करें देश की ऐसी जगह की जो वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं तो इसें कर्नाटक राज्य में स्थित मैसूर शहर का नाम जरूर आता हैं जो अपनी सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरती के लिए जाना जाता हैं। मैसूर को द सिटी ऑफ पैलेसेस के रूप में जाना जाता है। आप किसी ऐसी जगह पर घूमने जाने का विचार कर रहे हैं जहां का खान-पान, परंपरा, कला, शिल्प और जीवनशैली विशेष हो, तो ऐसी जगह हैं मैसूर। आज इस कड़ी में हम आपके लिए मैसूर शहर के मशहूर पर्यटन स्थलों की जानकारी लेकर आए हैं जो मैसूर के साथ देश के गर्व का कारण बनती हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

मैसूर पैलेस

भारत का पहला सबसे प्रसिद्ध आकर्षण ताजमहल तो दूसरा कर्नाटक राज्य का मैसूर पैलेस को गिना जाता है। मैसूर पैलेस देश की सबसे भव्य स्थापत्य इमारतों में से एक है। मैसूर पैलेस को अंबा विलास पैलेस के रूप में भी जाना जाता है, आपको बता दें, मैसूर पैलेस पहले शाही परिवार का महल था और यहां उनका अभी आधिकारिक निवास है। मैसूर पैलेस 1912 में वोडेयार राजवंश के 24वें शासक के लिए बनाया गया था जिसे देश के सबसे बड़े महलों में गिना जाता है। पैलेस में आप इंडो-सरसेनिक वास्तुकला की झलक देख सकते हैं। अंबाविलसा, दरबार हॉल और रॉयल हावड़ा यहां घूमने के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में आते हैं।

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सोमनाथपुरा मंदिर

सोमनाथपुरा मैसूर के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह पवित्र नदी कावेरी के तट पर एक छोटा सा शांत शहर है। यह शहर अपने चन्नेकसवा मंदिर या केशव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। आपको बता दें यह मंदिर होयसाल वास्तुकला का सबसे अच्छा नमूना है। यह एक वैष्णव हिंदू मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर इतना ज्यादा आकर्षक है कि इसे देखने और दर्शन करने दूर -दूर से पर्यटक आते हैं। चेन्नेकसावा मंदिर होयसला साम्राज्य के राजाओं द्वारा उनके राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनाए गए 1500 मंदिरों में से एक है। इसके साथ ही यह प्रसिद्ध होयसला वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आज यह मंदिर पूजा स्थल के रूप में उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसे हमलावर मुस्लिम सेनाओं द्वारा तोड़ दिया गया था लेकिन आज भी इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

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श्री चमराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन

श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन, जिसे मैसूर चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे अच्छे जूलॉजिकल गार्डन में से एक है। महाराजा चामराजा वोडेयार ने 1892 में रॉयल्स के लिए इस चिड़ियाघर की स्थापना की थी। इसके अलावा, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद, इसे राज्य सरकार के उद्यान और उद्यान विभाग को सौंप दिया गया था। कई स्कूल और कॉलेज के छात्र समय-समय पर इस जगह पर घूमने के लिए आते रहते हैं, जिस वजह से ये जगह एक लोकप्रिय शैक्षिक यात्रा भी बनी हुई है। बड़ी से लेकर छोटी बिल्लियाँ, जलीय से लेकर स्थलीय पक्षी और प्राइमेट से लेकर सरीसृप तक, 168 प्रजातियाँ यहां मौजूद हैं।

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बृंदावन गार्डन

बृंदावन गार्डन मैसूर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो कर्नाटक के मंड्या जिले में स्थित है। यह गार्डन दिखने में बेहद खूबसूरत और इसका प्राकृतिक वातावरण हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जब आप इस गार्डन में प्रवेश करेंगे तो प्रवेश द्वार के पास गुलाब के बागों और फूलों को देख कर हैरान रह जायेंगे। बता दें कि इस गार्डन के निर्माण का कार्य 1927 में शुरू हुआ और यह वर्ष 1932 में पूरा हुआ। यह 150 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और यह देश के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक है। बृंदावन गार्डन में पर्यटक एक वनस्पति पार्क और कई फव्वारे भी देख सकते हैं। म्यूजिकल फाउंटेन इस उद्यान के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है, लेकिन इस रंगीन फव्वारे का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को सूर्यास्त के समय गार्डन का दौरा करना होगा।

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जगनमोहन पैलेस

मैसूर के शाही शहर में स्थित, जगनमोहन पैलेस एक शानदार इमारत है जिसके नाम के साथ एक शानदार इतिहास जुड़ा हुआ है। इसका उपयोग मैसूर के वोडेयार द्वारा किया गया था जब उनके मुख्य निवास अंबा विलास पैलेस में आग लगने की घटना के बाद मरम्मत की जा रही थी। जगनमोहन पैलेस आर्ट गैलरी और ऑडिटोरियम जगनमोहन पैलेस के भीतर स्थित है जिसे 1861 में स्थापित किया गया था। गैलरी दक्षिणी भारत में सबसे बड़े कलाकृतियों के संग्रह में से एक है जो इसे मैसूर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है। गैलरी में 2,000 से अधिक पेंटिंग हैं जो पेंटिंग की विभिन्न शैलियों को दर्शाती हैं, जिनमें शांतिनिकेतन और कुछ मैसूर शैली की पेंटिंग शामिल हैं।

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चामुंडेश्वरी मंदिर

चामुंडेश्वरी मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है जो चामुंडी हिल्स पर 1000 फीट की ऊंचाई पर मैसूर के पूर्वी किनारे पर स्थित है। चामुंडेश्वरी मंदिर देवी दुर्गा के नाम चामुंडा देवी को समर्पित है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति के अलावा नंदी और महिषासुर की मूर्ति भी स्थापित है। चामुंडेश्वरी मंदिर को शक्ति पीठ माना जाता है और यह 18 महा शक्ति पीठों में से एक है। तीर्थ यात्री इस मंदिर तक या तो सीढ़ियों से पहुंच सकते हैं या ड्राइव करके भी जा सकते हैं। बता दें कि चामुंडेश्वरी मंदिर में रोजाना तीथ यात्रियों की ज्यादा भीड़ नहीं होती इसलिए भक्त आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

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सेंट फिलोमेना चर्च

200 से अधिक वर्षों के इतिहास के साथ, सेंट फिलोमेना चर्च मैसूर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। सिर्फ मैसूर में ही नहीं बल्कि यह चर्च पूरे कर्नाटक राज्य में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे चर्च के रूप में मान्यता प्राप्त, सेंट फिलोमेना चर्च का निर्माण कैथोलिक संत और शहीद सेंट फिलोमेना को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था। आपको बता दें, शुरुआत में इसे एक छोटे से चर्च के रूप में बनाया गया था, फिर महाराजा कृष्णराजा वोडेयार द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया था। ये चर्च शाम के समय में और भी ज्यादा खूबसूरत दिखता है, इसकी नव-गॉथिक शैली लोगों को बेहद आकर्षित करती है।

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रेल संग्रहालय

दिल्ली के राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय बाद मैसूर का रेल संग्रहालय भारत में अपनी तरह का दूसरा संग्रहालय है। इसे भारतीय रेलवे द्वारा 1979 में बनाया गया था और तब से अब तक रेलवे संग्रह का सुरक्षित स्थान रहा है। इस संग्रहालय में आप तस्वीरें और विभिन्न वस्तुओं के संग्रह से भारतीय रेलवे की यात्रा और विकास को देख सकते हैं। रेल संग्रहालय में लोकोमोटिव का शानदार संग्रह है। पहले अधिकांश प्रदर्शनियों को मैसूर पैलेस में रखा गया था जिसे बाद में इस रेल संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया। यहाँ प्रदर्शन के लिए लाइट, टिकट, टिकटिंग मशीन, घड़ियाँ, सिग्नल संकेत, और हाथ से संचालित भाप वाटर पंप रखे गए हैं। यहां का प्रमुख आकर्षण एक एक बैटरी से चलने वाली मिनी टॉय ट्रेन है जो पर्यटकों को संग्रहालय के मैदान के चारों ओर घुमाती है।

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